बिहार मे मूर्खो का शासन
बिहार के राजनीतिज्ञ का यदि योग्यता ,बोल-चाल काम धंधा, राजनीतिक गतिविधि या समस्त क्रिया कलाप देखेंगे तो ,स्पष्ट हो जाता है । कि बिहार आज भी मूर्खो की सरकार है । मूर्खता को अभिशाप कहा गया है । इस अभिशाप से बिहार प्रशासन को मुक्त करने वाला नही है ।हमने कई बार भाजपा, मीडिया मित्र अनुरोध भी किया है ,और करते भी रहेंगे ।बिहार पर ध्यान देने की आवश्यकता है । बिहार के जो कुछ एक नाम मात्र के युवा नेता है ,उसे केन्द्र मे उलझाने के बजाय बिहार भेज देना चाहिए। यहां तो बस ले लाठी वाला ही राजनीतिक भी कर रहा है ।जबकि इन लोगो का मुख्य धंधा लूट-पाट, हत्या आतंकवाद ही है ।इन लोगो का ही साईड बिजनेस राजनीतिक है ।
केन्द्र सरकार को अविलंब बिहार के लिए एक्सन लेने की जरूरत है । बिहार मे , प्रशासनिक व्यवस्था का पाकिस्तान से भी बदतर है । बिहार के जनता की तुलना pok से बदतर है । बिहार के ने पाकिस्तान के नेता जैसे ही है । इसलिए ये लोग पाकिस्तान के सभी समर्थकों का समर्थन करते है ।
असामाजिक गतिविघयों मे कई प्रमाणपत्र पत्र लेकर कुर्सी पर बैठने के लिए लालायित है । जो चपरासी के लायक नही वही मंत्री बनना चाहते है ।
वाह! वाह ! रे न्योता जी । जिन्हे जेल मे रहना चाहिए वो कुर्सी पर बैठने के लिए छटपटा रहे है ।
ताज्जुब है , पप्पू के साथ भी नही हो रहे है । वैसे ये लोग मिलकर पप्पू का सपना साकार कर सकते है। कोशिश तो करनी ही चाहिए।