लालू जी के अद्भुत चरित्र

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लावू पर चारा घोटाले के 6 अलग-अलग केस, जानिए कब-कब जाना पड़ा जेल



लालू यादव का जेल से पुराना कनेक्शन है. वो पहली बार जेल नहीं गए है. इससे पहले भी उनको कई बार जेल की हवा खानी पड़ी है. उनके चुनाव लड़ने पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
रांची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव को दोषी करार दिया है. इसके बाद उनको जेल भेज दिया गया है. अब इस मामले में कोर्ट की ओर से सजा और जुर्माने का ऐलान तीन जनवरी को होगा.

लालू यादव का जेल से पुराना कनेक्शन है. वो पहली बार जेल नहीं गए है. इससे पहले भी उनको कई बार जेल की हवा खानी पड़ी है. वो अब तक जेल में 375 दिन जेल में गुजार चुके हैं. उनके चुनाव लड़ने पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है. दरअसल लालू प्रसाद पर चारा घोटाले को लेकर अलग-अलग 6 केस चल रहे हैं. 

तीन अक्टूबर 2013 को चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू को दोषी ठहराया गया था. इस मामले में 37 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था. अदालत ने मामले में लालू यादव को पांच साल की जेल की सजा और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके बाद लालू या
दव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया था, लेकिन दिसंबर 2013 में उनको कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसके बाद लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिया गया था
, 32.5 साल की कैद, 1.55 करोड़ जुर्माना... जानें चारा घोटाले के किस मामले में लालू को कितनी सजा?Lalu Yadav Fodder Scam Punishment: लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े पांचवे और आखिरी मामले में भी सजा सुना दी गई है. उन्हें अदालत ने 5 साल की कैद की सजा सुनाई है. 15 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था.
यादव पर चारा घोटाले से जुड़े 5 मामलेपांचों मामलों में दोषी साबित हो चुके हैं लालू

Lalu Yadav Fodder Scam Punishment: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को आज चारा घोटाले से जुड़े एक और मामले में सजा सुना दी गई. उन्हें 5 साल की कैद और 60 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. 15 फरवरी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव समेत 75 आरोपियों को डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिया था. कोर्ट ने इस मामले में 99 में से 24 आरोपियों को बरी कर दिया था. 46 दोषियों को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है.

लालू यादव पर चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले हैं. पांचों मामलों में लालू यादव दोषी साबित हो चुके हैं. लालू यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े जिस मामले में आज सजा सुनाई गई है, वो 139 करोड़ 50 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. पांचों मामलों में ये मामला सबसे बड़ी रकम का घोटाला है. 

डोरंडा कोषागार मामले में कुल 170 आरोपी बनाए गए थे. इनमें से 55 की मौत हो चुकी है, 7 सरकारी गवाह बन गए थे, 2 ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था जबकि 6 अब भी फरार हैं. इसके बाद कुल 99 आरोपी बचे थे, जिसमें से 24 को बरी कर दिया गया, जबकि 75 को दोषी करार दिया गया है.



चारा घोटाले के एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की किस्मत का फैसला शनिवार को होगा. रांची स्थिति सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने 23 दिसंबर को फैसले की तारीख तय की है.

लालू के अलावा इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र समेत 22 लोग अभियुक्त हैं.

न्यायाधीश ने सभी अभियुक्तों को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर हाज़िर रहने को कहा है. लिहाजा शुक्रवार की शाम ही लालू प्रसाद रांची पहुंच गये थे.

लालू के साथ उनके बेटे बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी समेत आरजेडी के कई नेता भी रांची आए हैं.

देवघर कोषागार से 84.54 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मुकदमे (आरसी 64ए/96) में 15 दिसंबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी. इसी मामले में फैसला सुनाया जाना है.
धारा 420 में सात साल की सज़ा का प्रावधान

रांची में लालू की पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बीबीसी को बताया कि अभियुक्तों के ख़िलाफ़ मुख्य तौर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी, 467, 470 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण क़ानून की धाराएं भी लगाई गई हैं.

उन्होंने जानकारी दी कि इस मामले में दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉ जगन्नाथ मिश्र के अलावा पूर्व मंत्री डॉ आरके राणा, विद्यासागर निषाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और लोकलेखा समिति के पूर्व अध्यक्ष ध्रुव भगत सरीखे राजनेताओं के अलावा वरिष्ठ अधिकारी रहे बेक जुलियस, महेश प्रसाद, फूलचंद्र सिंह भी आरोपी हैं.

धारा 120 बी आपराधिक षड़यंत्र की ओर इशारा करती है. जबकि धारा 420 (बेइमानी, हेरा-फेरी छल या धोखा के रूप में किया जाने वाला अपराध) एक दंडनीय अपराध है. इसके तहत सात साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है.

लालू यादव के वकील प्रभात कुमार के मुताबिक इस मुकदमे से उन लोगों को बरी होने की उम्मीदें हैं.

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और तीन मामलों में घिरे हैं लालू

देवघर कोषागार से जुड़े इस मामले के अलावा चारा घोटाले के और तीन मामलों में लालू प्रसाद रांची स्थित सीबीआई की अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई का सामना (ट्रायल फेस ) कर रहे हैं. इन मामलों को लेकर पिछले छह महीनों से लालू प्रसाद लगातार रांची आते रहे हैं. कई दफा उन्हें महीने में तीन बार तक आना पड़ा है.

चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित आरसी 68 ए/96 में भी बहुत जल्दी फैसला आने के संकेत मिल रहे हैं. मतलब चारा घोटाले को लेकर लालू की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं.

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गौरतलब है कि तीन अक्तूबर 2013 को रांची स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह की अदालत ने कांड संख्या आरसी 20 ए/96 चाईबासा कोषागार से कथित तौर पर 37.7 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के एक मामले में पांच साल की सुनाई थी.

साथ ही अदालत ने 25 लाख का जुर्माना भी अदा करने को कहा था.

चाईबासा तब अविभाजित बिहार का हिस्सा था. हालांकि उस मामले में लालू प्रसाद फिलहाल जमानत पर हैं. लेकिन सज़ायाफ्ता होने के बाद वे संसद की सदस्यता गंवा बैठे और चुनाव लड़ने के भी अयोग्य हो गए.

जबकि इसी मामले में तब लालू प्रसाद के अलावा डॉ जगन्नाथ मिश्र को चार साल कारावास तथा 21 लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई गई थी. चारा घोटाले के इस मामले में 44 अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया था.

'हमारी जांच की सुप्रीम कोर्ट ने भी तारीफ़ की थी'

'आज की सीख, घपला करो तो बड़ा करो

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की अपील को मंजूर करने के साथ लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ चारा घोटाले से संबंधित अलग-अलग मामलों में मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए कहा था कि प्रत्येक अपराध के लिए पृथक सुनवाई होनी चाहिए.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को इन मामलों में नौ महीने में सुनवाई पूरी करने को कहा है.

नवंबर 2014 में झारखंड हाइकोर्ट ने लालू प्रसाद को राहत देते हुए कहा था कि एक मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति के खिलाफ इन्ही धाराओं के तहत मिलते-जुलते अन्य मुकदमों में सुनवाई नहीं हो सकती.



इस बीच शुक्रवार की शाम रांची पहुंचने पर लालू प्रसाद ने मीडिया से संक्षिप्त बातें की. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या कोई चीफ मिनिस्टर ट्रेजरी (कोषागार) से रुपये निकाल सकता है? क्या कोई चीफ मिनिस्टर अपना खजाना लुटवाने के लिए षड्यंत्र कर सकता है? अब वो फैसला सुनने आए हैं. उन्हें तथा उनकी पूरी पार्टी को न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.

लालू ने ये भी कहा कि सीबीआई का दुरुपयोग कर पहले अटल बिहारी वाजपेयी और फिर नरेंद्र मोदी के समय में उन्हें परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "बीजेपी-एनडीए गठबंधन की सरकार पिछले 25-30 साल से हमको परेशान कर रही है, कोल्हू के बैल की तरह पेर रही है."

माथे पर चिंता की लकीरें

हालांकि उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें भी साफ देखी जा रही थी.

उन्होंने कहा, "बेजीपी वाले हमारे बाल-बच्चे तक को परेशान करने में जुटे हैं. जनता ही उनका जवाब देगी. तेजस्वी और तेजप्रताप पर पूरी पार्टी को भरोसा है. ये भले ही छोटे हैं, लेकिन इनके राजनीतिक इरादे मजबूत हैं."

एक सवाल के जवाब में लालू ने इस बात से इनकार किया कि किसी किस्म के फैसले से पार्टी पर कोई असर पड़ेगा.

इससे पहले रांची एयरपोर्ट से उनके बाहर निकलने पर आरजेडी के कार्यकर्ता समर्थन में जोरदार नारेबाजी की.

'लालू यादव के दिल में नीतीश नीति का शूल'

. बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले के चौथे केस में भी दोषी करार दे दिए गए, वहीं दूसरे आरोपी जगन्नाथ मिश्रा बरी हुए। दुमका ट्रेजरी केस में उन पर 3.97 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप था। सजा का एलान अभी बाकी है।


70वें बर्थडे से पहले लालू को हुई 13.5 साल की सजा

 

- कभी गरीबी से उठकर पॉलिटिक्स के हीरो बने लालू तीन महीने बाद 70 साल के हो जाएंगे। 
- 70वें जन्मदिन से पहले लालू को साढ़े तेरह साल की सजा सुनाई जा चुकी है और 2 केस में सजा होनी बाकी है।

 

कब-कब मिली कितनी सजा

 

सितंबर 2013 - 5 साल जेल और 25 लाख रु. जुर्माना

दिसंबर 2017 - 3.5 साल जेल और 5 लाख रु. जुर्माना

जनवरी 2018 - 5 साल जेल और 5 लाख रु. जुर्माना

मार्च 2018 - सजा अभी बाकी है।

 

लालू के आधे स्कैम का हिसाब अभी बाकी

 

चारा घोटाला टोटल 950 करोड़ रुपए का था। इस घोटाले में 56 आरोपियों पर 64 केस दर्ज किए गए थे। लालू इन 64 केसों में से कुल 5 में आरोपी थे। अब तक वे 78.8 करोड़ रुपए के गबन के दोषी साबित हुए हैं। डोरांडा और भागलपुर में हुए घोटाले के केस अभी पेंडिंग है।

 

लालू पर कहां कितने गबन का आरोप

 

चाईबासा (दो केस) - 73.32 करोड़ रु. (सजा सुनाई जा चुकी है)
देवघर - 89.27 लाख रु. (सजा सुनाई जा चुकी है)
दुमका - 3.97 करोड़ रु. (सजा का एलान नहीं)
डोरांडा - 139 करोड़ रु. (ट्रायल पेंडिंग)

भागलपुर - 500 करोड़ रु (ट्रायल पेंडिंग)

 

टोटल - 717.18 करोड़ रुपए
कथित जमीन घोटाले में अब लालू यादव के करीबी भी राडार पर, विरोधी भड़के



प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, नोएडा, पटना और मुंबई में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है. एजेंसी की रडार पर लालू यादव के बच्चे और करीबी भी हैं. बीते दिनों इस मामले में लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से सीबीआई ने पूछताछ भी की थी. इस मामले में सीबीआई बाद ईडी दूसरी एजेंसी है जिसने लालू यादव और उनके करीबियों पर शिकंजा कसा है.

नौकरी के बदले जमीन घोटाला में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, नोएडा, पटना और मुंबई में 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है. एजेंसी की रडार पर लालू यादव  के बच्चे और करीबी भी हैं. बीते दिनों इस मामले में लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से सीबीआई ने पूछताछ भी की थी. इस मामले में सीबीआई बाद ईडी दूसरी एजेंसी है जिसने लालू यादव और उनके करीबियों पर शिकंजा कसा है. रिपोर्टों के मुताबिक ईडी ने दिल्ली में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव की बेटियों रागिनी, हेमा और चंदा के घर पर छापा मारा है. इसके अलावा लालू यादव के सीए के घर समेत 12 अन्य ठिकानों पर छापा मारा गया है. राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर भी छापा मारा गया है.

इसको लेकर आरजेडी के प्रमुख लालू यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार उन्होंने आपातकाल का काला दौर भी देखा है. उसकी लड़ाई भी लड़ी थी. आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज उनकी  बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधू को भाजपाई ईडी ने 15 घंटों से बैठा रखा है. वे भाजपा पर  इतने निम्न स्तर पर उतर कर राजनीतिक लड़ाई लड़ने का आरोप लगा रहे है. वे आगे कहते है कि भले ही संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी. इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा.

ये जानकरी विभिन्न न्यूज बेवसाइट से संकलित है ।

।bhoopal Mishra 
Bhupalmishra108.blogspot.com 










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