काल और मृत्यु पर विजय

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 काल और मृत्यु पर विजय 

हर हर महादेव मित्र 

अधिक समय तक हर कोई जीना चाहता है ।कोई मरना नही चाहता है ।क्योकि कष्ट दो ही समय होता है । जन्म और मरण काल मे ।मरण काल मे 40 हजार बिचछु एक बार काट ले तो जितना दर्द हो उतना ही दर्द मरण के समय होता है ।आत्मा इस बात को जानती है ।और इसलिए मौत से डरती भी है ।लेकिन इसे कौन टाल सकता है ?  क्या किसी ने टाल दिया है ?  

योग और भक्ति के द्वारा आप इसे टाल सकते है ।सनातन वैदिक धर्म मे अनेकानेक प्रमाण मौजूद है । बहुतो ने टाल दिया है ।जैसे हाल ही मे  मीरा बाई, कबीर दास  जैसे अनेक संत महातमा का चरित्र प्रमाण है ।

हमलोग कैसे अधिक से अधिक समय तक जीवित रहे स्वस्थ्य रहे ? 

इसके लिए आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान हो रहे है ।लेकिन किसी को कोई सफलता नही मिली है ।

मै जिस विधी का निर्देश कर रहा हूं ।अति उत्तम और एकदम आसान है । निःशुल्क निःसमय निःसंदेह सफलता की गारंटी है ।

आप किसी भी आसन मे बैठकर दोनो अंगूठा से दोनो कान को दबाकर रखे ।जितना देर रब सके ,कोई समय सीमा नही है ।कोई साइड इफेक्ट नही है । आप किसी भी समय इस योग को कर सकते है । विषेश कर रात को खाना के बाद सोते समय और सो कर उठने के बाद घर की बती बुझा दे ।कोई आवाज है तो उसे भी बंद कर दे ।

तबतक करें जब तक आप को पैसाव नही लग जाता है ।पैसाव लगने के बाद यदि आप वायु त्याग की प्रतिक्षा करे तो उत्तम है । यदि आप तीन बार वायु त्याग हो जाए तो समझो  आप विश्व विजेता हो गए है ।

तात्पर्य यह कि आपका खाया हुआ भोजन पच गया है ।दो घंटे भीतर आप लेट्रीन जाए  ।पेट सफा बिमारी दफा हो गया है ।आप फिर आकर भोजन करे ।और फिर योग करे ।आपका खया हुआ खाना दो घंटे मे हजम हो जाता है ।

किसी तरह का कोई बिमारी हो नया पुराना सब खत्म हो जाएगा ।

नई ताजगी ,नई उमंग, बुढे है तौ नई जवानी ,पुरा आरोग्य लाभ  की गारंटी है । जिओ जी भरके ।

शुगर,ब्लडप्रेशर, बाबासीर, दया टीवी ,केंशर आदि जैसे भयानक बिमारी मे पूर्ण स्वस्थ होना है ।

आप जब कान बंद कर देते है तो अंदर से आवाज सुनाई देता है ।उसे ही सुनना है ।

आप बाथरूम के समय भी कर सकते है ।इसमे सिर्फ कान बंद करना है ।आप किसी भी तरीके को अपना सकते है ।कान बंद का उद्देश्य है ।बाहरी आवाज को बंद करना ।आप 24 घंटे भी बंद कर सकते है ।24घंटे के अंदर ही अनुभव हो जाएगा ।

https://youtu.be/qPDJupIEIU0

https://www.facebook.com/bhupal.mishra.311


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