मोदी जी के साकारात्मक सोच
मोदी जी के प्रधानमंत्रित्व मे जिस तरह से साकारात्मक सोच का उदय हुआ है ।इससे एसा महसूस होने लगा कि भारत अब पिछे मूङकर नही देखेगा। श्री मान मोदी जी अब इस देश की खोई हुई प्रतिष्ठा, धन सम्पति आदि हासिल कर लेंगे। उम्मीद तो है ,क्योकि मोदी जी सोना है ।इसलिए ज्यादा हमला होता है । विपक्ष मे तो अब चांदी की क्या कहना ।पीतल लोहा भी नही है ।विपक्ष को पीओ फेको कहना ही सही है ।सोना ,पीतल ,लोहा से तात्पर्य यह है कि लोहा आदि धातु को सोना के अपेक्षाकृत कम चोट सहना पड़ता है ।सोना कीमती होने के कारण बारंबार तपाया जाता है । कदम कदम पर परिक्षा देना होता है । फिर सोना परखी जाती है ।सही से मूल्यांकन हो पाता है ।सोना जितनी बार आग मे तपता है ,जितनी चोट सहता है ।उतनी बार और अधिक चमकता है ।
मोदी जी का हाल भी यही है । हमारे देश मे ढेर सारे लोग जो पप्पू के बारात मे मजे ले रहे है। मोदी जी का विरोध प्रदर्शन कर रहे है ।मोदी जी का बराबरी कर रहे । उनके समझ मे इतनी सी बात नही आती है । मोदी जी के काम मे खोट नजर आता है ।धर की मुर्गी दाल बराबर! मोदी के जी बनना मुमकिन नही है । ऐसे ऐसे विरोधी को चुल्ल भर पानी फमे डूबकर मरना चाहिए। मोदी जी का विरोध कर रहे है ।जिन्हने दशमी पास नही किया है वो देश के बङे बङे दिग्गज (विद्वान) के सामने मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे है ।जिनकी योग्यता चपरासी बनने की नही है ।वो राषटपति प्,धानमन्त्री बनना चाहते है । और हमारे देश वासी बना भी देते है । यह तो देश का दुर्भाग्य ही है ।
भारतवर्ष का यह बहुत बङा समाज, जो अच्छे काम को नही करने देते है ।देश के विकास मे बहुत बङा रोङा बने हुए है ।या ,फिर कहे कि भारत का बोझा है । जिनकी अज्ञानता पढे लिखे कर्मठ व्यक्तियों को भी सशंकित कर देता है ।
विपक्ष की क्या भूमिका है ,ये भी ये लोग नही समझ सकते है और न ही अपने जैसे लोगों समझने भी देते है । विपक्ष का अर्थ सिर्फ विरोध करना ही नही हो सकता है ।बल्कि अच्छे काम का समर्थन, अच्छे काम का सुझाव, विपक्ष का महत्वपूर्ण दायित्व होना चाहिए ।तभी संभव है कि पुनः सता को हासिल कर सके ।खलनायक की भूमिका मे आज के समझदार स्वतंत्र जनता कभी समर्थन नही दे सकती है । खलनायक बनकर उनको हो सकता सङक से उठाकर जेल मे न रखना। पङे ।
पदासीन होने के लिए आज कितने पापङ बेलने पाते है ।ये बात साधारण पद पर बैठे पदाधिकारी से भी सीख सकते है । राजनीतिक कोई बच्चे का खेल नही है ।जैसे मर्जी खेलो, जब मर्जी तब खेलो ।जहां मर्जी वहां खेलो ।
मेरा मानना है कि मोदी जी का विरोध प्रदर्शन के बदले अपना बेवकूफी प्रदर्शन ही कर रहे है । लोग इनका मजाक बना रहे है । यह बात अब उनलोगों से समझ लेनी चाहिए, जो अभी nrc के विरोध प्रदर्शन मे थे ,उन लोगों से भी जो अभी किसान प्रदर्शन से रिटायर होकर चूङी पहने हुए है। फिर नूपुर शर्मा जी के विरोधी को तो बुर्का ही पहनना पङा है ।अग्निपथ के विरोधी को मोदी जी क्या गिफ्ट करते है । एक विश्वत सूत्र से पता चला है कि इस बार खादी का साङी पहनाऐगें। क्योकि पप्पू के ed से पूछताछ करने वाला विरोधी भी है ।इन लोगो को राशन के साथ साङी दिया जाएगा।
मजेदार बात यह है कि मोदी जी के मुंह छुपाकर ही रहने लगे है ।आगे भी एसा ही प्रोग्राम है ।क्रमश